Wednesday, September 26, 2012

प्रेम...

एक युवक को किसी लड़की से प्रेम हो गया। लड़की बहुत खूबसूरत नहीं थी, लेकिन उस युवक के लिए वह सबकुछ थी। वह उसी के खयालों में रहने लगा। उसके ही सपने देखता। उसकी यह हालत देखकर युवक के दोस्त ने उससे कहा, ‘तुम उस लड़की के बारे में दिन-रात सोचते रहते हो, उस लड़की से भी तो पूछ लो कि वह तुम्हें पसंद करती है या नहीं?’ युवक ने कहा कि उससे कैसे पूछूं? तो दोस्त ने बताया, ‘पहले उसे अपनी भावनाएं बताना, फिर पूछना कि क्या वह तुम्हें पसंद करती है?’ युवक ने ऐसा ही किया। उसने लड़की के सामने प्रेम का प्रस्ताव रखा तो उसने इनकार कर दिया।
दोस्त को लगा कि युवक इस घटना से टूट जाएगा। उसे डर था कि वह नशे की ओर न चला जाए, लेकिन युवक और दिनों से ज्यादा प्रफुल्लित मिला। दोस्त ने पूछा, ‘तुम्हारा दिल टूटा है, तुम इतने खुश कैसे हो?’ युवक ने उत्तर दिया, ‘मैं दुखी क्यों होऊंगा। मैंने तो उसे खोया है, जिसने मुङो कभी प्यार किया ही नहीं। लेकिन उस बेचारी ने तो उसे खो दिया है, जो उसे बेइंतहा प्यार करता है।’

कथा-मर्म : प्यार देने की चीज है, लेने की नहीं। यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि जिसे आप प्यार करते हैं, वह भी आपको प्यार करे।

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